-पं शशि मिश्रा(ज्योतिषी)
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव श्रावण मास में अपने सम्पूर्ण फल देते हैं। शिव की शक्ति अनंत हैं ।एक समय जब पार्वती जी ने भगवान शिव से पूछी कि हे प्रभु किस समय आप सम्पूर्ण रूप से आनंदित रहते हैं? तब भगवान शिव ने बताया कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष से मेरा आनंदमय होना निश्चित है । अतः इस महीने में जो मेरी आराधना करेगा उसके मनोकामना जरूर पूरा करता हूं। इसीलिए कहा जाता है कि जो इंसान सोमवार का व्रत करता है वह निश्चित ही अपने सभी दुखों से दूर हो जाता हैं।श्रावण मास में ही क्यों सोमवार का व्रत फलदायी होता है ? यदि आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो श्रावण मास वर्षा ऋतु से संबंध रखता है और सोमवार चन्द्रमा से ।चन्द्रमा मनुष्य के मन का कारक है तो वही शिव के मस्तक पर विराजमान हैं । चन्द्रमा मनी का भी कारक है यानी कि जो रुपये पैसे हमारे जीवन में आते है उसमें चन्द्रमा का योगदान होता है । भगवान शिव सभी दुःखों का नाश करते हैं । शिव पर जब वेलपत्र चढ़ाते हैं तो दसों दिशाओं में भगवान शिव मदद करते हैं। जन्मकुंडली में यदि जातक के चन्द्रमा कमजोर हो तो वह श्रावण मास में सोमवार का व्रत विधिविधान से करें तो निश्चित शुभ फल प्राप्त होगा ।
(पं शशि मिश्रा (ज्योतिषी)8777597491 अपनी सभी समस्याओं के लिए संपर्क करें।)
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