देश में इन दिनों या तो कोरोना चर्चा में है या बंगाल में विधानसभा चुनाव। इस बार का चुनाव कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में चुनावी मर्यादाओं की सारी हदें पार हो गई। जहां मौजूदा ममता बनर्जी की सरकार के सामने अपनी सत्ता को बचाए रखने की चुनौती है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी पहली बार बंगाल में बहुमत का कमल खिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। सच तो यह है कि इस बार के बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों ही की साख दांव पर लगी है। वहीं, कभी वामदलों का गढ़ कहे जाने वाले बंगाल में इस बार वामदलों को कोई भी राजनीतिक पंडित भाव भी नहीं दे रहा। ऐसे में सवाल यही उठता है कि इस बार बंगाल में सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी? चुनाव संपन्न हो चुके हैं और 2 मई को नतीजे देश के सामने होंगे। क्या इस चुनाव में भाजपा का आक्रामक दांव चल गया या दीदी ने अपनी गद्दी बचा ली?
अब जब परिणाम आने में दो दिन बचे हैं, तो ऐसे ही सवालों के साथ हम पहुंचे अंक ज्योतिषी पंडित शशि मिश्रा के पास। पंडित मिश्रा ने बताया कि बंगाल चुनाव में ग्रहों की दशा और विभिन्न दलों के अंकों के विश्लेषण के आधार पर इस बार कोई भी दल विधानसभा में साधारण बहुमत ही प्राप्त करेगा। मुख्य मुकाबला भले ही तृणमूल और भाजपा के बीच होता दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस भी दहाईं अंकों का आंकड़ा छू सकती है।
पंडित शशि मिश्रा के मुताबिक बंगाल में सत्ता की आस लगाए भारतीय जनता पार्टी को मन मसोस कर रह जाना पड़ सकता है, क्योंकि ज्योतिष गणना के मुताबिक शनि की महादशा में राहु की अंर्तदशा ममता को गद्दी दिलाने में सक्षम साबित हो सकती है और पंडित शशि मिश्रा के ज्योतिषिय आकलन को सही मानें तो ममता दीदी ने अपना बंगाल बचा लिया। इस तरह बंगाल में तृणमूल कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में सफल हो सकती है। तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा में 160 से 170 के बीच सीटें मिल सकती हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी को 60 से 80 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। वामदलों को 10 से 15 सीटें और कांग्रेस को 8 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है।
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