पं शशि मिश्रा (ज्योतिषी)
जयोतिष के हिसाब से केतु एक छाया ग्रह हैं । यह मंगल की तरह फल देता हैं। केतु ग्रह मोक्ष का कारक भी हैं। कहा जाता हैं कि जिस जातक की जन्मकुंडली में केतु मजबूत होता हैं वह सभी चीजों को प्राप्त कर लेता हैं। केतु मनुष्य की रीढ़ की हड्डी हैं । केतु एक विचार हैं, गहराई हैं। जो लोग कम बोलते हैं ज़्यादा सुनते हैं वह बहुत गहराई में जाते हैं ,उनका केतु अच्छा होता हैं। सामने वाले की बातों को सुनते हैं समझते हैं। केतु कुंडली के छठवें भाव का मालिक भी होता हैं जो उत्तर दिशा के ईशान कोण से भी प्रदर्शित होता हैं। केतु परिश्रम,ईमानदारी, धर्म भी हैं।
केतु ख़राब होने के कारण
बेइमानी, धोखा, आलस, दिखावा करना, और बुजुर्गों, गुरुओं का अपमान करना। यदि कोई मनुष्य ऐसा करता हैं तो उसका केतु ग्रह खराब हो जाता हैं।
केतु से लाभ
जैसा कि हम जानते हैं कि केतु से कुबेर देव संचालित होते हैं ,तो निश्चित ही केतु कुबेर यानी धन का कारक हैं। चल अचल संपत्ति के मालिक हैं। कान का भी मालिक हैं। केतु मोक्ष का भी कारक हैं इसका मतलब यह नहीं कि मृत्यु के बाद जो मोक्ष की बात होती हैं । मोक्ष का मतलब कि जो आप कार्य कर रहे हैं उस कार्य में सफलता ।
केतु से होने वाले रोग
पैरो में दर्द ,घुटनों में दर्द, महिलाओं में ओबरी की समस्या, सुनने में समस्या, बच्चे न पैदा करने की क्षमता, गुप्त रोग ।
केतु को कैसे ठीक करें?
1) किसी भी काम में ईमानदारी रखें, कर्ज़ को चुकाने की नियत रखें।
2) नाभि में हमेशा नारियल का तैल रात को लगाये।
3) अनुलोम विलोम प्राणायाम भी केतु को बेहतर बनाने में सहायक होता हैं।
4) काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं।
कहा जाता हैं कि यदि केतु ग्रह अच्छा हो तो इंसान को जमीन से आसमान पर पहुँचा देता हैं। अध्यात्म का कारक भी है ।विवेकानंद जी के गुरु परमहंस जी की जन्मकुंडली में केतु ग्रह बहुत ही उच्च का था, जिससे वह अध्यात्म में परकाष्ठा पर पहुंचे। यदि जिस जातक की जन्मकुंडली में केतु खराब हो तो नाभि में सरसों का तेल या नारियल तेल भी लगा सकते हैं। अतः अकूत संपत्ति पाना हैं तो केतु को खुश रखें।
(पं शशि मिश्रा (ज्योतिषी)वास्तु समस्या, विवाह की समस्या , पारिवारिक विवाद पर परामर्श के लिए सम्पर्क करें ।सम्पर्क सूत्र -8777597491)
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