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.. ताकि आप बचे रहे दिल्ली के दमघोटू प्रदूषण से

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By: Kiran Lata

दिल्ली में प्रदूषण का आलम यह है कि अधिकतर लोग मास्क लगाए घूम रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली-एनसीआर में अभी भी औसतन 400 या उससे ऊपर है। ऐसे में प्रदूषण से अपनी स्वास्थय रक्षा में योग कितना फायदेमंद हो सकता है, बता रही हैं योगा एक्सपर्ट किरण लता:

दिवाली के बाद से ही दिल्ली के वातावरण में काफी स्मोग है।लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और आँखों में जलन की वजह से घर से निकल पाना भी काफी मुश्किल हो गया है। लोगों को अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरत को पूरा करने के लिए बाहर तो जाना ही पड़ता है ऐसे में इस प्रदूषित वातावरण से बचाव के लिए क्यों न हम योग का साधन अपनायें क्यूँकि योगमार्ग ही एक मात्र ऐसा साधन है, जो हमें इस प्रदुषण से कुछ हद्द तक बचा सकता है
घर से बाहर निकल कर व्यायाम करना इस वातावरण में और ज़्यादा नुकसान देह साबित हो सकता है इसलिए

1) खुद को स्वस्थ रखने के लिए षटक्रिया और प्राणायाम करें।

2) धीमी गति से सांस लेने की प्रकिया यानि अनुलोम-विलोम ऐसे प्रदूषित वातावरण में हमें और ज़्यदा नुक्सान पंहुचा सकता है मगर हम अगर अपनी श्वासों की गति को तीव्र कर दें तो यह ‌ फेफड़ों को साफ़ कर देते हैं तीव्र गति से सांस लेने की यह प्रक्रिया कपाल भाति कहलाती है।इस प्रक्रिया को करते समय ध्यान रखें कि सांस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने पर ज़ोर दे।

3) जल नेति भी इस प्रदूषित वातावरण से बचने में काफी हद तक कारगर है।इस क्रिया मे साधक एक नाक से जल नाक में डालता है और दूसरी नासिका से बाहर निकलता है।इन दोनों ही क्रियाओं को करने से आंतरिक शुद्धिकरण होता है। इसके अलावा भ्रामरी प्राणायाम करना भी काफी लाभकारी है।

4) याद रखें कि ऐसे दूषित वातावरण में योग क्रियाएं खुलें में करने की बजाय किसी कमरे में करें।

5) ध्यान रखें कि अगर कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप, या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं, तो यथा संभव अपनी सुविधानुसार ही योग क्रियाएं करें। यदि असहज महसूस करें तो योगा न करें। और भरपूर आराम करें।

6) खाने में विटामिन सी की मात्रा ज़्यादा लें। इसके साथ ही तुलसी,अदरक,नीम्बू का सेवन ज़्यादा करें।

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