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यही वजह है कि आप सफल नहीं हो पाते

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-जी. के. वार्ष्णेय

हम सब महत्वाकांक्षी (ambitious) और सफल (successful) होना चाहते हैं। हम सब में यह इच्छा कूट – कूट कर भरी पड़ी है, लेकिन कुछ बाधाओं की वजह से हम कई बार अपनी इस प्रबल इच्छा को दफ़न कर देते हैं या कई बार नकारात्मक सोच की वजह से भी बिना कोशिश किए ही हार मान लेते हैं और इस प्रकार हम अपने ही हाथों अपने सपनों और सफलता का गला घोट देते हैं। ज़िन्दगी में सफल होना कौन नहीं चाहता, पर सब हार से डरते हैं। निर्भीक और साहसी व्यक्ति तो जीत के इरादे से लड़ता है, परन्तु दैववश होने वाली हार के लिए भी तैयार रहता है, भले ही ऐसी हार न हो। समझदार व्यक्ति को अपना एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और फिर उस लक्ष्य को ही अपना ईश्वर मानकर अपने जीवन को उसके लिए अर्पण कर देना चाहिए। उसे अपने मन में अपने लक्ष्य के प्रति ऐसा भावावेश (धुन/जुनून) पैदा कर लेना चाहिए कि वह सदा ही उस लक्ष्य के वारे में सोचता रहे, उसके सपने देखता रहे, और अपने श्रोतों तथा भविष्य-चित्रण को ध्यान में रखकर उसको पूरा करने की योजनाएँ बनाता रहे और अपने निर्दिष्ट मार्ग पर समयानुसार निरन्तर चलता रहे। जब हम अपने तन-मन और श्रोतों के साथ केवल अपने लक्ष्य को ही विचारते हैं और उसको पूरा करने की अटूट धुन लिए हुए पूर्ण आत्मविश्वास और सकारात्मक विचारों के साथ परिस्थितियों के अनुकूल आगे बढ़ते रहते हैं, तो हमको अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में सफलता अवश्य ही प्राप्त होती है। निष्कर्ष यह है कि लक्ष्य-प्राप्ति में सफल होने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
1. अपना स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें और उसको अपनी नज़रों से ओझल न होने दें।
2.चूँकि हर व्यक्ति के लिए सफलता का अर्थ भिन्न-भिन्न होता है, इसलिए अपनी सफलता की सही परभाषा पूर्व-निर्धारित करें।
3.प्रारम्भ से ही सकारात्मक सोच रखें। किसी भी नकारात्मक विचार को स्वयं अथवा किसी के कहने पर अपने मन में घर न करने दें।
4. वातावरण (परिस्थितियों) का लगातार अध्ययन करते रहें: संभावित अवसरों व संकटों, तथा अपनी ताक़तों और कजोरियों का सही अनुमान लगाते हुए सही समय का लाभ उठाते रहें। साथ ही, यदि हो सके तो समय की प्रतीक्षा न करके, वर्तमान पल को ही सही समय बनाने का पूर्ण प्रयास करें।
5.अपने प्रयत्नों के प्रति “जुनून”(passion) बनाए रखें। आपका यही जुनून (पागलपन) हमेशा आपका स्व-अभिप्रेरक बना रहेगा और एक दिन आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचा देगा। 6.समय-समय पर अपनी प्रगति का मूल्यांकन करते रहें और उसके आधार पर समुचित निर्णय लेते रहें।
7. अब तो आप अपने लक्ष्य पर पहुँच गए।
यह समय तो हर्षोल्लास का है। इसलिए अपनी महत्वाकांक्षा की सफलता का पूर्ण आनंद लें और जमकर खुशियाँ मनाएं।(फेसबुक वॉल से साभार)

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