Monthly Archives: February 2017

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जहाँ आज ताजमहल है वहां होती थी खरबूजे की बम्पर फसल

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-इंजी.एस डी ओझा कहते हैं कि जहां आज ताजमहल खड़ा है ,वहां कभी खेती लहलहाती थी . इस जमीन पर गेहूं और मौसमी सब्जियां उगायी जाती थीं .खरबूजे की बम्पर...

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क्या यही प्यार है ?

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-ध्रुव गुप्त प्यार के इस मौसम में भी प्यार को धोखा, फ़रेब, स्वार्थ, छल, नाटक, तमाशा, बर्बादी कहने का सिलसिला चल रहा है। जिसे देखो अपने महबूब पर बेवफाई, निष्ठुरता,...