Monthly Archives: March 2016

लेख

॥ नैन नचाय कही मुसकाय ॥ ॥लला फिर आइयो खेलन होरी॥

–डा.मोहन चन्द तिवारी भारतीय परम्परा में होली श्रृंगारिक हाव भावों के कारण मदनोत्सव का एक पारंपरिक रूप भी है। मनुष्य के चार पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इनमें से होली...

मनोरंजन

‘होली’ – मन को निर्मल बनाने का वार्षिक अभियान

| | 1 Comment

–डा.मोहन चन्द तिवारी होली का पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को नव संवत्सर तथा वसन्त ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाने वाला रंग-रंगीला पर्व है।...

Uncategorized

‘होली’ आसुरी वृत्तियों के दहन-विरचेन का पर्व

–डा.मोहन चन्द तिवारी ॥होली का पर्व अपने उद्भवकाल से ही जहां हास-परिहास एवं मनुष्य की आसुरी वृत्तियों के दहन-विरचेन का पर्व रहा है वहां यह सामाजिक समरसता, जातिगत सौहार्द और...

लेख

होली के दिन ही सही….

| | 5 Comments

हमारी बात कान खोलकर सुन ले, दादी ! इस साल होली में अपना रिश्ता चुम्मा-चाटी भर का रहेगा। कीचड़-पानी, रंग, अबीर कुछ नहीं। यह सब हमें सिर्फ और सिर्फ पड़ोस...