क्या यही प्यार है ?
-ध्रुव गुप्त प्यार के इस मौसम में भी प्यार को धोखा, फ़रेब, स्वार्थ, छल, नाटक, तमाशा, बर्बादी कहने का सिलसिला चल रहा है। जिसे देखो अपने महबूब पर बेवफाई, निष्ठुरता,...
-ध्रुव गुप्त प्यार के इस मौसम में भी प्यार को धोखा, फ़रेब, स्वार्थ, छल, नाटक, तमाशा, बर्बादी कहने का सिलसिला चल रहा है। जिसे देखो अपने महबूब पर बेवफाई, निष्ठुरता,...