॥ नैन नचाय कही मुसकाय ॥ ॥लला फिर आइयो खेलन होरी॥
–डा.मोहन चन्द तिवारी भारतीय परम्परा में होली श्रृंगारिक हाव भावों के कारण मदनोत्सव का एक पारंपरिक रूप भी है। मनुष्य के चार पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इनमें से होली...
–डा.मोहन चन्द तिवारी भारतीय परम्परा में होली श्रृंगारिक हाव भावों के कारण मदनोत्सव का एक पारंपरिक रूप भी है। मनुष्य के चार पुरुषार्थ-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इनमें से होली...
–डा.मोहन चन्द तिवारी होली का पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को नव संवत्सर तथा वसन्त ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाने वाला रंग-रंगीला पर्व है।...
–डा.मोहन चन्द तिवारी ॥होली का पर्व अपने उद्भवकाल से ही जहां हास-परिहास एवं मनुष्य की आसुरी वृत्तियों के दहन-विरचेन का पर्व रहा है वहां यह सामाजिक समरसता, जातिगत सौहार्द और...