पं शशि मिश्रा (ज्योतिषी)
ज्योतिष विज्ञान एक गूढ़ विज्ञान है जिसे समझना बहुत जरुरी है। जैसा कि हम जानते हैं कि राहु एक छाया ग्रह है,जो कुंडली के चार भावों को प्रभावित करता है ।वहीं शनि भी एक क्रूर ग्रह है। राहु माया है तो शनि कर्म है। जब कुण्डली में इन दो ग्रहों की युति होती है तो जातक को तंत्र विज्ञान, गूढ़ रहस्यों को खोजने की आदत देता है। जब दोनों ग्रह मिलते हैं तो मनुष्य रहस्यमय बन जाता है।
राहु शनि का योग
जिस जातक की जन्मकुंडली में इस तरह के योग होते हैं, तो वह जातक गूढ़.रहस्यों को खोजने वाला होता है। तांत्रिक क्रियाओं को भी गहराई से जानने वाला होता है। गैस और केमिकल जैसी चीजों का जानकार होता है। हालांकि ऐसे जातक के अंदर भ्रम भी बहुत जल्दी पैदा हो जाता है।
रोग
राहु शनि की युति वायु संबंधित रोग देता है। जब राहु बहुत ज़्यादा बिगड़ जाए, तो स्त्रियों में गर्भ न धारण होने की समस्या या गर्भपात होने जैसी समस्या भी पैदा करता है।
कैसे करें राहु शनि की युति को अनुकूल
काला और नीला रंग से परहेज करें। काली गाय को चारा खिलायें। घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग का पौधा या फूल लगाए।शयन कक्ष में नैऋत्य कोण में पीले रंग का बल्ब रात को जलाये। किसी से द्वेष न रखें, सबको क्षमा करें। हनुमानजी की आराधना करना भी श्रेष्ठ होता हैं।
(पं शशि मिश्रा(ज्योतिषी)संपर्क सूत्र-8777597491)
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