-पं शशि मिश्रा(ज्योतिषी)
दो प्रमुख ग्रहों-राहु और केतु को लेकर समाज में काफी भ्रांतियां हैं। माना जाता है कि राहु हमेशा दुखदाई रहता है और उसके फल अशुभ ही होते हैं।
छल से किया अमृतपान
सागर मंथन के बाद देवताओं और राक्षसों में जब अमृत वितरण होने लगा तो राक्षस सर्वानु ने वेश बदलकर अमृत पी लिया था। उसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका गर्दन काट दिया जो दो छाया ग्रह बने- राहु और केतु ।
राहु का भय व्याप्त
राहु के नाम से लोगों में एक भय बना रहता है। लोगों का मानना है कि यदि राहु मनुष्य की कुंडली में अच्छा न हो तो मनुष्य हमेशा परेशान ही रहता है कतिपय यह बात सही भी है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि राहु मोक्ष का कारक भी माना जाता है । भारतीय ज्योतिष शास्त्र और सनातन धर्म ग्रंथों के हिसाब से देखा जाय तो
सहस्त्रार चक्र से संबंध
राहु का स्थान मनुष्य के सहस्त्रार चक्र यानी कि मोक्ष देने वाला भगवान के उन परम तत्व से जोड़ने वाला होता है। राहु यदि जातक के जन्म कुंडली में तीसरे भाव में हो तो जातक के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह भाव पराकर्म का होता है।
मोक्ष का कारक राहु
मिथुन राशि और मिथुन लग्न के लिए राहु शुभ माना जाता है।अब समझना होगा कि आखिर राहु क्यों अशुभ फल देता है ? जैसा कि हम जानते हैं कि राहु मोक्ष का कारक है तो जाहिर है उसके कुछ नियम होंगे । यदि मनुष्य अनाचार , दुराचार और बात बात पर झूठ बोलता है, तो राहु खराब हो जाता है। राहु तंत्र का भी कारक है तो जो लोग अनैतिक कार्यों ,कुगुरु, और नशा करते हैं तो उस समय भी राहु खराब हो जाता है।
कैरियर का मार्गदर्शक
राहु की एक और बड़ी खासियत है कि वह दूरसंचार, मोबाइल ,इंटरनेट, डिप्लोमेसी और इंटेलिजेंस यानी गुप्तचर विभाग का भी कारक होता है। जिन लोगों के राहु अच्छा होता है वे अक्सर CBI,CID और रॉ के बड़े अफसर होते। हमारे देश के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की भी कुंडली में राहु की स्थिति बहुत अच्छी है । राहु खराब होता है तो मनुष्य के स्नायु तंत्र कमजोर हो जाते हैं और साथ ही साथ मनुष्य किसी न किसी बुरी आदत का शिकार हो जाता है। अब सवाल है कि राहु को ठीक कैसे करें? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को ठीक करने के लिए मंत्र और रत्नों का सहारा लिया जाता है पर रत्न राहु का देने से राहु मजबूत होता है और भिन्न भिन्न लग्नो में कुछ अच्छा तो कुछ खराब फल देता है। इसीलिए ज्योतिष के जानकार प्रत्येक जातक को इसका रत्न नही देते।
यौगिक क्रियाओं में प्रणायाम में प्राणायाम से राहु ठीक
अनुलोम विलोम मनुष्य के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। जिससे मणिपुर चक्र से उर्जा ऊपर की ओर सहस्त्रार पर जायेगी और मनुष्य के परामानसिक शक्तियों से जोड़ेगी, जिससे मन को शांति मिलती है और मानसिक विकारों का नाश होता हैं।
भगवान विष्णु की आराधना
नीले रंग और काले रंग से बचना चाहिए।और जिनका राहु खराब हो उन्हें इन रंगों को नही पहनना चाहिए। मांसाहारी भोजन राहु को और खराब करता है अतः मांसाहारी भोजन नही करना चाहिए। जितना हमारा नाभि चक्र सही होगा राहु बेहतर फल देगा । तो राहु को बेहतर बनाने के लिए मणिपुर चक्र को साफ करें साथ ही भगवान विष्णु की आराधना करें ।
(पं शशि मिश्रा(ज्योतिषी) 8777597491 पर संपर्क करें अपनी किसी भी समस्या के लिए।)
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