पं शशि मिश्रा (ज्योतिषविद )
21 जून को 10 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 30 मोक्ष होगा । यह ग्रहण कई रुप में महत्वपूर्ण हैं।भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कंकणाकार सूर्य ग्रहण का मतलब है कि सूर्य को चाँदी के का कँगन सूर्य के ऊपर बनेगा जो चूड़ामणि योग बनाता है। यह ग्रहण विशेष रूप से मिथुन राशि और मृगशिरा, आद्रा नक्षत्र को प्रभावित करेगा । वैसे तो सभी राशियों को थोडी बहुत प्रभावित करेगा । इस ग्रहण से जहा पूरे विश्व के व्यापार पर असर पड़ेगा। क्योंकि मिथुन राशि के स्वामी बुद्ध ग्रह है और बुद्ध व्यपार का कारक भी है ।
इस ग्रहण से भारत की भी पड़ोसी देशों से सम्बंध खराब होगें क्योंकि बुद्ध बाड़ी का भी कारक होता हैं। रविवार को जब सूर्य ग्रहण लगता है तो वह चूड़ामणि योग बनता है। हालांकि चूड़ामणि योग कुछ राशियों के लिए अच्छा है पर बाकि सभी राशियों के लिए हानिकारक है। भारत ,अमेरिका ,चीन सब जगह आर्थिक स्थितिया खराब होंगी। 21जून को ग्रहण के समय महामृत्युंजय जप करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलेगी । सुर्य ग्रहण के वजह से मानव के सूर्य नाड़ी ज्यादा चलने की उम्मीद है अतः सभी को भोलेनाथ की अराधना करें और सरस्वती हनुमानजी के जप भी श्रेष्ठ होगा ।
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