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शैक्षिक श्रेष्ठता समारोह में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया बच्चों और स्कूलों को सम्मानित

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BY: Munmun Prasad Srivastava

211 मेधावी छात्रों और 43 स्कूलों को मिला विशेष पुरस्कार

“सच्चे राष्ट्र निर्माण के लिए किए जा रहे प्रयास की पहचान सदैव होनी चाहिए” – उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

“वास्तविक श्रेष्ठता का मतलब है आने वाली पीढ़ियों के लिए काम करना।” – उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया।

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने शैक्षिक उपलब्धियों के आधार पर शिक्षा श्रेष्ठता पुरस्कार समारोह का आयोजन अपने बच्चों और स्कूलों के साथ किया। उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने मेधावी छात्रों को उनकी कठोर परिश्रम पर बधाई दी और दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन परीक्षा परिणाम लाने के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने त्याग राज स्टेडियम में कराया था।

शिक्षा संवर्ग के लोगों के निरंतर प्रयास की सराहना करते हुए श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि – “एक ऐसा समय था जब लोग सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा के प्रति नीचे की नजरों से देखते थे। लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूँ कि दिल्ली के अभिभावक अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए रिश्वत देने जैसे प्रयास करने लगे हैं। नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली शिक्षा के क्षेत्र में पहले पायदान पर रही है। यह मेरे और हमारी टीम की प्रयासों के लिए गर्व का विषय है जो प्रयास हमने पांच साल पहले से किये थे उनका परिणाम अब सामने आ रहा है। 5 साल पहले तक सरकारी स्कूलों में औसतन अधिकतम अंक बोर्ड में 80% हुआ करते थे लेकिन अब हम 90% से अधिक अंक अपने स्कूल टॉपर्स में पाते हैं। इस बार हमारे एक बच्चे ने सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में 96.2% अंक अर्जित किये हैं। सरकारी स्कूल लगातार प्राइवेट स्कूलों को भी पछाड़ रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनका मिशन प्राइवेट स्कूलों से तुलना करना नहीं है बल्कि अपने खुद की स्तर को ऊंचा उठाना है। उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “हमारा लक्ष्य है दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 40 लाख बच्चों को बेहतर भविष्य देना। दिल्ली के शिक्षा विभाग का एक सदस्य होने के नाते हम लगातार बेहतरीन शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं। और यह बेहतरीन शिक्षा सिर्फ 5 से 10% तक बच्चों तक सीमित नहीं है हमारा लक्ष्य है कि शेष बचे हुए 90% बच्चों को भी बेहतरीन शिक्षा मिले। जो आज तक असंतोषजनक काम चलाऊं शिक्षा प्राप्त करते रहे हैं। और यही मेरा अंतिम उद्देश्य है मुझे खुशी है कि हम इसे बड़े स्तर पर प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं।”

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और स्कूलों को स्टूडेंट फ्रेंडली वातावरण प्रदान करने पर भी जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर खुशी जताई कि बेहतरीन वॉशरूम, शानदार लैब, अच्छे ब्लैकबोर्ड, अच्छी तरीके से पेंट की हुई दीवारें और खूबसूरत डेस्क बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

सर्वोदय कन्या विद्यालय रेलवे कॉलोनी-तुगलकाबाद ने राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार जीता और उन्हें ₹1 लाख का नकद पुरस्कार दिया गया। जबकि 211 मेधावी बच्चों को मेडल और प्रत्येक को ₹5000 का नगद पुरस्कार दिया गया।

श्री मनीष सिसोदिया ने इस अवसर पर यह भी कहा कि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचें। उन्होंने कहा कि “आपको एक कहानी बताना चाहता हूं कि 12वीं क्लास की एक बच्ची ने मुझसे यह कहने का साहस किया कि उसके माता-पिता उसकी बोर्ड एग्जाम की फीस भरने में सक्षम नहीं है। और इस बात से मेरे दिमाग में आया कि जब दिल्ली के सरकारी स्कूल अपने बच्चों को मुफ्त किताबें, मुफ्त यूनिफॉर्म दे सकते हैं तो वह अपने बच्चों की एग्जाम की फीस क्यों बच्चों से लेंगे? और अब दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले 3 लाख से अधिक बोर्ड के बच्चों की फीस सरकार देती है। यह सब उस छोटी बच्ची की बहादुरी के कारण हुआ।”

समारोह के बारे में उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बाद में ट्वीट भी किया उन्होंने लिखा कि “मुझे गर्व है कि आज मैंने प्रतिभावान बच्चों और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूल को सम्मानित किया। यह एक शैक्षिक श्रेष्ठता पुरस्कार था जो कि दिल्ली सरकार द्वारा त्यागराज स्टेडियम में आयोजित किया गया था। और इस तरह का राष्ट्र निर्माण के लिए किया गया सच्चा प्रयास कभी भी छिपा नहीं रहता है।”

अपने संबोधन का समापन करते हुए शिक्षा मंत्री ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शुरू किए गए नवाचार कार्यक्रमों जैसे कि हैप्पीनेस करिकुलम और इंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम का जिक्र किया और उन्होंने बताया कि किस तरह से अब विदेशों से लोग भारत की राजधानी में आकर शिक्षा कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने पूरे देश के सामने एक उदाहरण स्थापित करने वाले दिल्ली की शिक्षा विभाग को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि “मैं बेहद खुश हूं कि किस तरह से आज दूसरे राज्यों के शिक्षक और प्रधानाचार्य पूरे देश से दिल्ली आते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं की शिक्षा और शिक्षण में हमारी अपनी टीम कैसा कर रही है।”

जिलेवार शानदार परीक्षा परिणाम देने वाले प्रत्येक स्कूलों को ₹50000 नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस तरह से दिल्ली सरकार की 12 जिलों के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों को भी सम्मानित किया गया। यह स्कूल थे सर्वोदय कन्या विद्यालय (रविंद्र ठाकुर) ईस्ट विनोद नगर, राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय (विजय पार्क) मौजपुर, सर्वोदय कन्या विद्यालय – मैगजीन रोड (उत्तरी), सर्वोदय कन्या विद्यालय, बवाना (दिल्ली नॉर्थ वेस्ट), सर्वोदय कन्या विद्यालय (सी ब्लॉक) सुलतानपुरी – नॉर्थ वेस्ट (बी), सर्वोदय कन्या विद्यालय-रंजीत नगर (वेस्ट), सर्वोदय कन्या विद्यालय, एसपी रोड, नांगलोई (वेस्ट बी), सर्वोदय कन्या विद्यालय-पूसा (साउथ वेस्ट), राजकीय सहशिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय – द्वारका, सर्वोदय कन्या विद्यालय-मंडी गांव, जी एस आर एस के वी C Block Defence Colony और सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर 2, जामा मस्जिद (दिल्ली केंद्रीय)।

जबकि राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय शालीमार बाग को सर्वश्रेष्ठ राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय का पुरस्कार उसके सीबीएसई बोर्ड में नतीजों के लिए निरंतर प्रतिभावान छात्र प्रस्तुत करने के लिए दिया गया। इसके अतिरिक्त 27 अन्य स्कूलों को भी जोनल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ श्रेणी का पुरस्कार दिया गया। इन स्कूलों में सर्वोदय कन्या विद्यालय – C ब्लॉक विवेक विहार, सर्वोदय कन्या विद्यालय-एंड्रयूज गंज, राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय- डॉक्टर अंबेडकर नगर, राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय – अशोकनगर शामिल थे। इन विद्यालयों को प्रत्येक को ₹21000 का नगद पुरस्कार प्रदान दिया गया।

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