वरिष्ठ पत्रकार मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव के साथ कालीघाट स्टेशन से बालीगंज तक ट्राम का सफ़र
कोलकाता और यहाँ की सड़कों के बीच बने रेल लाइन पर चलने वाली ट्राम का इतिहास बहुत पुराना है। कभी ट्राम यहाँ घोड़े से खींची जाती थी और आज यह बिजली से चलती है। दो डिब्बों की ट्राम सड़क पर ट्रैफिक जाम और वाहनों के बीच ट्रिन तरीन घंटी बाजाती हुयी आगे बढती है। बाली गंज से टाली गंज के बीच चलने वाली ये ट्राम अब कोलकाता में परिवहन का मुख्य साधन न होकर बाहर से आने वाले मुसाफिरों के लिए “हेरिटेज राइड” कहीं ज़्यादा है।
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