श्रीराम सैंटर सभागार में 24 से 29 नवंबर तक उर्दू अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित 30वाँ उर्दू ड्रामा फैस्टिवल में दिनांक 25 नवंबर को नाटक सराय की मालकिन ‘मास्क प्लेअर्स आर्ट ग्रुप’ द्वारा चन्द्र शेखर शर्मा के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। नाटक की कहानी में सराय की मालकिन मेहरूनिसाँ एक ऐसी औरत है जिसे अपने औरत होने पर नाज़ है। जो मानती है कि औरत जब ठान ले तो वो सब कुछ कर सकती है। इस कामेडी नाटक में मेहरूनिसाँ अपनी सराए को क़ामयाबी से चलाने के लिए ठहरे हुए मुसाफ़िरों को अपनी ख़ूबसूरती के जाल में उलझाए रखती है। सराय में ठहरे हुए नवाब और अमीर-उल-मुल्क दोनों उसके इश्क में गिरफ़्तार हैं। उसे तोहफ़े देते रहते हैं लेकिन एक और मुसाफ़िर खाँ साहब पर उसका जादू नहीं चल पाता क्योंकि वह औरतों से नफ़रत करता है और मेहरूनिसाँ को सबके सामने डाँटकर बेइज़्जत करता है। वह खान साहब को मुहब्बत में घुटने टिकवाकर उसे सबक सिखाती है। नाटक के कामेडी डायलाग और रोचक घटनाक्रम दर्शकों को बाँधे रखने में सफल रहा। शानदार सैट और मज़बूत अभिनय ने सबको प्रभावित किया। नाटक का सधा हुआ निर्देशन शानदार प्रस्तुति की रीढ़ साबित हुआ। मुख्य पात्रों में प्रेरणा रावत, विनीत त्रिपाठी, आराध्य शर्मा और सुरेन्द्र शर्मा ने शानदार अभिनय किया। अन्य पात्रों में आशीष, ममता रानी, मेघना महरोत्रा,हर्ष शर्मा और महक बांगा का अभिनय भी सराहनीय रहा।
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