-मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव
“देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले से बड़ा ‘हीरो’ कोई और हो ही नहीं सकता। अदम्य साहस और देशभक्ति का प्रदर्शन कर भारत माता की आन,बानऔर शान की रक्षा करने वाले वीर शहीदों के चित्रों से सजी ‘वॉल औफ़ हीरोज़’ का अनावरण करते हुए अत्यंत भावुक हो उठे वीर रस के प्रख्यात कवि के रूप में विश्वप्रसिद्ध डॉ.हरिओम पवार। अवसर था दिल्ली विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस सेण्टर में शुक्रवार शाम आयोजित ‘वॉल ऑफ़ हीरोज़’ के उद्घाटन समारोह का। दरअसल डीयू के नार्थ कैंपस स्थित कांफ्रेंस सेण्टर परिसर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित 21 शहीदों के चित्रों को परिसर के मुख्य हॉल में एक दीवार पर लगाया गया है। इसे ‘वॉल ऑफ हीरोज़(हमारे वीर योद्धा)’ का नाम दिया गया है। डीयू के अपनी तरह के इस अद्भुत प्रयास की सराहना करते हुए डॉ.पवार ने कहा कि ” चित्र शहीदों का तो मंदिर की मूरत जैसा होता है। और यह उनका सौभाग्य है जो वे आज इन वीर सपूतों के चित्रों के नीचे खड़े हैं। डॉ.पवार ने अपनी एक प्रसिद्ध ओजस्वी कविता से उपस्थित दर्शकों में जोश भी भर दिया। कार्यक्रम में डीयू के वीसी प्रो.योगेश त्यागी ने कहा कि जिन माओं ने इन वीर सपूतों को जन्म दिया उनको शत-शत नमन है। ऐसे वीर सपूतों ने अपने प्राणों को देश से ऊपर नहीं माना। इनके लिये राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा। ऐसी प्रेरणा हमें भी लेनी चाहिए कि जब निजी हित और राष्ट्रहित में से किसी एक को चुनने का समय आये तो राष्ट्रहित ही सर्वोपरि होना चाहिए। कार्यक्रम में डीयू के अधिकारियों के साथ-साथ कालेजो के प्रचार्य और कई शिक्षक उपस्थित थे। सभी ने डीयू के अपनी तरह के इस अनूठे प्रयास की प्रशंसा की।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.