-पं.विनायक भट्ट
26 जनवरी की रात्रि से न्याय के देवता माने जाने वाले शनिदेव महाराज अपनी राशि वृश्चिक से निकलकर धनु राशि में संचरण करने लगेंगे। शनि देव के इस राशि परिवर्तन से मेष और सिंह राशि वाले जहां शनि की ढईया से मुक्त हो जायेंगे, वहीँ तुला राशि वाले शनि की साढ़ेसाती से।
शनि के इस राशि परिवर्तन के बाद से वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि की उतरती, धनु राशि वालों के लिए मध्य और कन्या राशि वालों के लिए शनि की ढईया चलेगी।
जातकों के लिए शनि के कोप निवारण एवं शान्ति हेतु शनि स्तोत्रम का पाठ करना लाभकारी रहेगा। यह स्तोत्र प्रत्येक शनिवार को करें। भूखे-गरीबों की सहायता करें। कौवों को दाना डालें। सुंदर काण्ड का पाठ करें। यदि आपको यह लगे कि आप बहुत ज़्यादा कष्ट में हैं,तो कांसे के कटोरे सहित शनि का दान ग्रहण करने वालों को दे, उम्मीद के अनुसार लाभ होगा।
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