-मुनमुन प्रसाद श्रीवास्तव
8 नवम्बर को देश में हुई नोट बंदी के बाद पंजाब के चंडीगढ़ निकाय चुनाव में BJP को भले ही जोरदार सफलता मिली हो, लेकिन अगले महीने होने जा रहे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में BJP ही नही बल्कि PM नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। राजनीति के जानकारों की राय में नोट्बंदी के बाद आगामी चुनाव पहला बड़ा इलेक्शन है। नोट बंदी के दौर में मजदूरो का हवाला देते हुए तमाम विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर गरीब-मजदूर विरोधी सरकार का लेबल चस्पा कर दिया था। चूंकि देश के महानगरो में मजदूरो की बड़ी खेप यूपी से आती है, ऐसे में BJP का उतर-प्रदेश में प्रदर्शन PM नरेन्द्र मोदी की आगे की राजनीति तय करेगा। BJP के सामने गोवा और पंजाब भी महत्वपूर्ण राज्य हैं,जहाँ अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार बनाने के सपने देख रही है। उतराखंड मे भी खोई सत्ता हासिल करने के लिए BJP कोई कसर छोड़ना नही चाहेगी। इन सब से ऊपर जो सबसे बड़ी बात है, वह यह कि यदि वोटर BJP की झोली वोटो से भर देते है, तो यह माना जाएगा की PM नरेन्द्र मोदी के नोट बंदी अभियान पर जनता ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी।
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